सम्भवतः पूरे उत्तर भारत में भी पुराने समय में बिना तले बने हुए खाने को कच्ची रसोई कहते थे, जैसे दाल रोटी, चावल, उड़द दाल के बड़े, बाटी इत्यादि।
पूड़ी, सब्जी, बूंदी का रायता, मिठाई इत्यादि को पक्की रसोई कहा जाता था।
सम्भवतः पूरे उत्तर भारत में भी पुराने समय में बिना तले बने हुए खाने को कच्ची रसोई कहते थे, जैसे दाल रोटी, चावल, उड़द दाल के बड़े, बाटी इत्यादि।
पूड़ी, सब्जी, बूंदी का रायता, मिठाई इत्यादि को पक्की रसोई कहा जाता था।